
विकास पथ विक्रम ने रेस्क्यू बच्चों व अभिभावकों को किया सम्मानित, बाल श्रम उन्मूलन पर जोर
अरवल। दीप प्रज्वलित कर इस अवसर पर बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कर शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का संकल्प लिया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विकास पथ विक्रम के सचिव सत्येंद्र कुमार शांडिल्य ने कहा कि “बाल मजदूरी केवल सामाजिक बुराई ही नहीं, बल्कि एक दंडनीय अपराध भी है



। समाज को इस दिशा में गंभीर पहल करनी होगी।” उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी परिस्थिति में बच्चों को मजदूरी के लिए मजबूर न किया जाए, बल्कि शिक्षा दिलाने में सहयोग करें।वहीं, लेबर सुपरीटेंडेंट मृत्युंजय झा ने कहा कि सभी रेस्क्यू किए गए बच्चों का स्कूल में दाखिला सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि वे बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकें। उन्होंने सरकारी योजनाओं और कानूनों की जानकारी भी दी, जिनका लाभ लेकर गरीब परिवार अपने बच्चों को मजदूरी से बचा सकते हैं।

इस अवसर पर सीडब्ल्यूसी के सदस्य गौतम कुमार पासवान, श्रीनिवास सिंह, प्रदीप कुमार, मोनिका कुमारी, दीपक कुमार और जीतू कुमार भी मौजूद रहे और बाल श्रम उन्मूलन के लिए सामूहिक जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया।कार्यक्रम में बच्चों और अभिभावकों को सम्मानित कर उन्हें यह संदेश दिया गया कि शिक्षा ही उनके जीवन को सही दिशा दे सकती है

आयोजकों ने विश्वास जताया कि ऐसे प्रयासों से समाज में जागरूकता बढ़ेगी और आने वाले समय में बाल मजदूरी पूरी तरह खत्म की जा सकेगी।एवं pairvi संस्था के संयोजक अरवल में उपस्थित रहे साथी सथ उन्होंने बाल मजदूरी एवं बाल विवाह पर गहराई से बताते ह उन्होंने कहा बाल मजदूरी कानूनन अपराध है
				
					


