मिसाल बने गुरुजी”—मध्य विद्यालय सरौती में स्वर्गीय गोपाल शरण को स्वतंत्रता दिवस पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि
गोपाल शरण को स्वतंत्रता दिवस पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि

“मिसाल बने गुरुजी”—मध्य विद्यालय सरौती में स्वर्गीय गोपाल शरण को स्वतंत्रता दिवस पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि
सरौती/स्थानीय | 15 अगस्त: स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मध्य विद्यालय सारौती में पूर्व प्रधानाध्यापक स्वर्गीय गोपाल शरण जी को श्रद्धापूर्वक याद किया गया। ध्वजारोहण के बाद पूरे परिसर में दो मिनट का मौन रखकर उनके योगदान को नमन किया गया। विद्यालय परिवार, अभिभावक, पूर्व छात्र-छात्राएं तथा ग्रामवासियों की उपस्थिति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा भाव-विह्वल कर देने वाली रही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वर्तमान प्रधानाध्यापक ने की। उन्होंने कहा, “स्वर्गीय गोपाल शरण जी को हमेशा याद किया जाएगा, क्योंकि वे ऐसे शिक्षक थे जो सबको साथ लेकर चलते थे। उन्होंने अनुशासन, सादगी और सहयोग की जो परंपरा यहाँ स्थापित की, वही आज इस विद्यालय की पहचान है।” वक्ताओं ने बताया कि गोपाल शरण जी ने अपने कार्यकाल में नामांकन वृद्धि, पुस्तकों व खेल सामग्री की व्यवस्था, पुस्तकालय सुदृढ़ीकरण और स्वच्छता अभियान को गति देकर विद्यालय को नई दिशा दी।
छात्रों ने देशभक्ति गीत, कविताएँ और लघु-नाट्य प्रस्तुत कर गुरुजी की शिक्षाओं—समयपालन, परिश्रम और परस्पर सम्मान—को जीवंत किया। विद्यालय की बाल सभा ने “हम सब साथ—हम सबके लिए” विषय पर पोस्टर प्रदर्शन लगाया, जिसकी प्रेरणा उन्हें गोपाल शरण जी से ही मिली थी। कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षकों व ग्रामीणों ने
श्रद्धांजलि समारोह में वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन-संघर्षों से सीखने की कला भी है—और यही कला गोपाल शरण जी ने पीढ़ियों को सिखाई। अंत में, उपस्थित जनों ने संकल्प लिया कि वे गुरुजी के आदर्शों—समावेश, पारदर्शिता और जनभागीदारी—को आगे बढ़ाते हुए विद्यालय को उत्कृष्टता की राह पर निरंतर अग्रसर रखेंगे। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ और सभी ने पुष्पांजलि अर्पित कर महान शिक्षक को विनम्र श्रद्धासुमन अर्पित किए।
				
					



