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कुर्था विद्रोही चौक पर तिरुपति बालाजी मंदिर के तर्ज पर बनेगी पंडाल होगा आकर्षण का केंद्र

दुर्गापूजा की तैयारियां शुरू, पंडालों को मिल रहा भव्य स्वरूप

कुर्था विद्रोही चौक पर तिरुपति बालाजी मंदिर के तर्ज पर बनेगी पंडाल होगा आकर्षण का केंद्र

दुर्गापूजा की तैयारियां शुरू, पंडालों को मिल रहा भव्य स्वरूप

पंडाल निर्माण को लेकर झारखंड से आए कारीगर दे रहे हैं मूर्त रूप

 

कुर्था (अरवल) दुर्गापूजा की तैयारी होने लगा है. हर जगह पूजा-पंडाल आकार लेने के लगा है. कहीं वैष्णो देवी मंदिर तो कहीं केदारनाथ मंदिर के तर्ज पर निर्माण कराया जा रहा है जिसमें मां दुर्गा विराजमान होंगी.प्रखण्ड क्षेत्र में दर्जनों स्थानों पर भव्य पूजा पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है जहां कारीगर दिन-रात पंडाल की भव्य रूप देने में जुटे हुए हैं. कहीं बंगाल से आये कारीगर पंडाल को आकार देने में लगे हैं तो कहीं झारखंड का से आये कारीगर के साथ पटना के पालीगंज के कारीगर भी पंडाल को आकार दे रहे हैं.प्रखंड क्षेत्र के कुर्था मानिकपुर मोतीपुर समेत विभिन्न बाजारों में भव्य पंडाल निर्माण का कार्य जोर शोर से चल रही है जिसे देखकर लोगों को दुर्गा पूजा के दिन नजदीक आने का एहसास होने लगा है. प्रखंड क्षेत्र के कुर्था विद्रोही चौक पर में विगत 36 वर्षों से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित होता रहा है. यहां मां दुर्गा की आकर्षक प्रतिमा स्थापित होती है जो भक्तों को अपनी और आकर्षित करता है. प्रतिमा स्थापना को लेकर पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुर्था विद्रोही चौक में प्रतिमा स्थापित करने की शुरूआत मुंदारिक यादव, बखोरा सिंह, सुभाष यादव ,रणजीत सिंह, अभय सिंह के द्वारा किया गया था. उक्त स्थल पर सर्वप्रथम मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई थी जिसके बाद धीरे-धीरे भव्य तरीके से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित होने लगा इन लोगों के बाद अध्यक्ष अमरेंद्र शर्मा ,सचिव रणजीत यादव, कोषाध्यक्ष दानी यादव, उपकोषाध्यक्ष योगेंद्र यादव, व्यवस्थापक सत्येंद्र सिंह, आयोजक संजीत यादव के द्वारा प्रतिमा स्थापित किया जाता रहा है हालकि इनके नेतृत्व में विगत आठ दस वर्षो से प्रतिमा स्थापित के बाद भव्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं कुर्था विद्रोही चौक पर वर्ष 1989 से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है थी जो आज तक परंपरा चली जा रही है जहां वर्तमान समय में युवा वर्गों की टोली मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा स्थापित करते हैं जहां कोलकाता से महंगे मां दुर्गा की सिंगर मंगा कर बेहतर सजावट कर आकर्षण के केंद्र बने रहते हैं
वही 9 दिनों तक होने वाले दुर्गा पाठ में विभिन्न नदियों के जल लाकर ब्राह्मणों के द्वारा दुर्गा पाठ का आयोजन किया जाता है।

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