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बच्चों की सुरक्षा को नई दिशा: न्यायालय और सरकार की संयुक्त पहल

सुरक्षा को लेकर चर्चा किया गया

📰 बच्चों की सुरक्षा को नई दिशा: न्यायालय और सरकार की संयुक्त पहल

 

 

 

 

सर्वोच्च न्यायालय, पटना उच्च न्यायालय एवं बिहार सरकार के संयुक्त प्रयास से राज्यभर में बच्चों के अधिकार और सुरक्षा को लेकर एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य था—पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को बच्चों से संबंधित मामलों जैसे बाल विवाह, बाल मजदूरी, बाल यौन शोषण और अन्य उत्पीड़न की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई एवं उचित जानकारी देना।इस अवसर पर पूरे बिहार से कई पदाधिकारियों ने भाग लिया। अरवल जिले से विकास पथ विक्रम के सचिव सत्येंद्र कुमार शांडिल्य भी इस प्रशिक्षण का हिस्सा बने। उन्होंने बच्चों के अधिकारों पर विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि समाज में तब तक वास्तविक बदलाव नहीं आएगा, जब तक बच्चों को उनका हक और सुरक्षित वातावरण नहीं मिलेगा। उन्होंने बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के लिए सामूहिक जागरूकता अभियान की आवश्यकता पर बल दिया।शांडिल्य ने बाल मजदूरी के मुद्दे पर कहा कि बच्चों को शिक्षा और पोषण का अधिकार है, उन्हें किसी भी प्रकार के श्रम में शामिल करना न केवल गैरकानूनी है बल्कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है। वहीं, बाल यौन शोषण की घटनाओं पर उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे ऐसे मामलों में संवेदनशीलता और तत्परता के साथ कार्रवाई करें।कार्यक्रम में बच्चों के हित में चल रही विभिन्न योजनाओं और सरकारी पहलुओं की जानकारी भी दी गई ताकि ज़मीनी स्तर पर कार्य कर रहे पदाधिकारी उन्हें और प्रभावी ढंग से लागू कर सकें।यह संयुक्त पहल राज्य के सभी जिलों में बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा और अधिकारों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रही है।

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