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मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस पर विकास पथ विक्रम ने बच्चों की सुरक्षा के लिए समन्वित कार्रवाई पर दिया जोर

  • मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस पर विकास पथ विक्रम ने बच्चों की सुरक्षा के लिए समन्वित कार्रवाई पर दिया जोर

मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस के अवसर पर विकास पथ विक्रम की पहल पर अरवल में हुए एक कार्यक्रम में बाल संरक्षण और बाल अधिकारों के क्षेत्र से जुड़े सभी प्रमुख हितधारक एक साथ आए। इस कार्यक्रम में सीमा कुमारी जुली कुमारी नीलम कुमारी शिखा कुमारी राजभर कुमार झा दिलीप रजक अमर कुमार राजीव रंजन कुमार अक्षय कुमार गीता कुमारी रीता कुमारी संजू कुमारी सभी बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारीके प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और एक सुर से स्वीकार किया कि बाल दुर्व्यापार यानी बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने के लिए सभी एजेंसियों व विभागों को साथ मिलकर कार्रवाई करने की सख्त जरूरत है ताकि ट्रैफिकिंग गिरोहों में कानून का भय पैदा हो सके। विकास पथ विक्रम, देश में बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए 250 से भी अधिक नागरिक समाज संगठनों के देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी संगठन है और अरवल में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है। जेआरसी बाल श्रम, बच्चों की ट्रैफिकिंग, बाल विवाह और बाल यौन शोषण के शिकार बच्चों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने आने वाली वाली चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने सामूहिक रूप से यह माना कि मौजूदा कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, संवेदनशील तबकों को ट्रैफिकिंग गिरोहों और उनके कामकाज के तरीकों के बारे में संवेदनशील बनाना और सभी एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करना तत्काल जरूरी है, ताकि मुक्त कराए गए बच्चों के लिए तय समयसीमा में न्याय और पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके।
विकास पथ विक्रम ने पिछले वर्ष के दौरान 10 बच्चों को बाल श्रम, ट्रैफिकिंग और बाल विवाह से बचाया है। संगठन ने यह रेखांकित किया कि बच्चों की ट्रैफिकिंग केवल बाल मजदूरी या मुनाफे के लिए यौन शोषण तक ही सीमित नहीं है। बहुत से बच्चे, खास तौर से लड़कियां, जबरन विवाह के लिए भी ट्रैफिकिंग का शिकार बनती हैं। यह एक एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में कम ही चर्चा की जाती है और रोकथाम के उपायों पर भी ज्यादा बात नहीं होती।बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी हितधारकों के बीच तालमेल व समन्वय की अहमियत और जिला प्रशासन के सहयोग को रेखांकित करते हुए विकास पथ विक्रम के सचिव सत्येंद्र कुमार शाण्डिल्य ने कहा, “अगर बच्चों की ट्रैफिकिंग रोकना है तो कानूनी कार्रवाई जरूरी है। बाल दुर्व्यापारियों को जब शीघ्र और सख्त सजा मिलेगी, तभी हम उनमें कानून का भय पैदा कर पाएंगे और यह भय ट्रैफिकिंग की रोकथाम के लिए सबसे असरदार उपाय साबित होगा। रोकथाम अभियानों की सफलता के लिए जिले में मजबूत प्रशासनिक समन्वय और समयबद्ध कानूनी कार्रवाई आवश्यक है। इस तरह से काम कर हम न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा बल्कि उन ट्रैफिकिंग गिरोहों के नेटवर्क का भी खात्मा कर सकेंगे जो बच्चों का शिकार करते हैं।”

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